Author Description

admin

अत्यनत भीषण है यह Ã Â¤â€¦Ã Â¤â€”्नि इसमे कुछ न कुछ तो Ã Â¤Å“लेगा क्या बचेगा, क्या Ã Â¤Â«Ã Â¥ÂÃ Â¤â€¢Ã Â¥â€¡Ã Â¤â€”ा इसका न कोई वयापार Ã Â¤Â¹Ã Â¥â€¹Ã Â¤â€”ा जाओ निश्चिन्त हो अब क्षुधा Ã Â¤Â­Ã Â¥â€šÃ Â¤Â²Ã Â¥â€¹ न यह अमृत फिर Ã Â¤Â®Ã Â¤Â¿Ã Â¤Â²Ã Â¥â€¡Ã Â¤â€”ा जीवन है दंद्व , अपूर्णता के देवी तुम न मांगो और Ã Â¤â€¢Ã Â¥ÂÃ Â¤â€º...
माँ से Ã Â¤â€ Ã Â¤Â°Ã Â¤Â¾Ã Â¤Â§Ã Â¤Â¨Ã Â¤Â¾ मुझे वैसा ही रहने Ã Â¤Â¦Ã Â¥â€¹ जैसा में Ã Â¤Â¹Ã Â¥â€šÃ Â¤Â एक Ã Â¤â€¦Ã Â¤Â§Ã Â¥â€šÃ Â¤Â°Ã Â¤Â¾ एक असीमित एक Ã Â¤â€¦Ã Â¤Â¸Ã Â¤â€šÃ Â¤Â¤Ã Â¥ÂÃ Â¤Â·Ã Â¥ÂÃ Â¤Å¸ एक Ã Â¤â€¦Ã Â¤ÂªÃ Â¤Â°Ã Â¤Â¿Ã Â¤ÂªÃ Â¤â€¢Ã Â¥ÂÃ Â¤Âµ एक Ã Â¤â€¦Ã Â¤Â§Ã Â¥â‚¬Ã Â¤Â° क्यूँ Ã Â¤Â¹Ã Â¤Â° Ã Â¤ÂªÃ Â¤Â² सुधारने की कोशिश करती हो, क्या मिलेगा तुम्हे किसकी चिंता में हो Ã Â¤Â¤Ã Â¥ÂÃ Â¤Â® क्यूँ सभी कौनो को गोलाकार बनाने  पर तुली हो...
http://economictimes.indiatimes.com/opinion/guest-writer/innovation-investment-enterprise-in-india/articleshow/7830761.cms 31 MAR, 2011, 04.52AM IST, ANIL K GUPTA, Innovation, investment & enterprise in India When an individual, institution, network or a society learns to live with a problem unsolved indefinitely, it ceases to be a...